कम्प्यूटर वायरस
वायरस एक प्रोग्राम है जो हमारे कम्प्यूटर सिस्टम में बिना हमारी इच्छा तथा जानकारी के लोड हो जाता है । एक वायरस बार-बार खुद की प्रतिलिपि तैयार कर सकता है और उपलब्ध सारे मेमोरी का उपयोग कर सिस्टम की गति को धीरे या पूर्णतः रोक सकता है । कुछ वायरस कम्प्यूटर के बूटिंग से स्वंय को जोड़ लेता है तथा जितनी बार कम्प्यूटर बूट करता है वह उतना ही फैलता जाता है या कम्प्यूटर को रिबूट करता करता रहता वह कम्प्यूटर के डेटा या प्रोग्राम को क्षति पहुँचाता है ।
कम्प्यूटर वायरस भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं :
बूट सेक्टर वायरस (Boot Sector Virus)
परजीवी वायरस (Parasitic Virus)
मल्टीपार्टाइट वायरस (Multipartite Virus)
लिंक वायरस (Link Virus)
मैक्रो वायरस (Macro Virus)
वायरस को नष्ट करने के लिए बनाये गये प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर को एन्टीवायरस कहते हैं । इसमें आटो प्रोटेक्ट तथा रियाल टाइम प्रोटेक्सन की सुविधा रहती है जो इंटरनेट से किसी फाइल का उपयोग करने के पहले उसे जाँच लेता है कि यह वायरस मुक्त है या नहीं । अगर फिर भी वायरस सिस्टम में सक्रिय हो जाता है, तो कुछ समय के अंतराल पर पूर्ण सिस्टम स्कैन चलाकर हम
कुछ कम्प्यूटर वाइरस निम्नलिखित है :
सी-ब्रेन (C-Brain)
मंकी (Monkey)
वान हॉफ (Vanhalf)
माइकल एंगेलो (Michelangelo)
क्रिपर (Creeper)
हैप्पी वर्थडे जोशी (Happy Birthday Joshi)
कंप्यूटर वायरस को कैसे रोकें (How to prevent computer viruses)?
निम्नलिखित उपाय वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं:
Antivirus और antispyware software install करें और इसे up to date रखें।
एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के रोज़ स्कैन करें।
ईमेल के माध्यम से भेजे गए वेब लिंक पर क्लिक न करें
Hardware-based Firewall install करें।
अपने नेटवर्क को सुरक्षित करें।
क्लिक करने से पहले सोचें।
Open Wi-Fi का उपयोग न करें।
अपनी फाइलों का बैक अप रखें ।
Strong Passwords का उपयोग करें।
संकेत जिससे आप जान सकें कि आपका Computer Virus से संक्रमित है
निम्नलिखित संकेत जिससे जानें कि आपका कंप्यूटर वायरस से संक्रमित हो सकता है:
कंप्यूटर को start up होने में लंबा समय लगता है और प्रदर्शन धीमा होता है।
कंप्यूटर अक्सर क्रैश, या शटडाउन और error messages का अनुभव करता है।
कंप्यूटर गलत तरीके से व्यवहार करता है, जैसे कि क्लिक करने पर या फ़ाइलों को खोलने पर जवाब नहीं देना।
कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव अजीब तरह से काम कर रही होती है; उदाहरण के लिए, लगातार घूमना या लगातार शोर करना।
कंप्यूटर पर storage की मात्रा कम हो जाती है।
कंप्यूटर पर फ़ाइलें और अन्य डेटा गायब हो जाते हैं।
कंप्यूटर वायरस का इतिहास – History of computer viruses in Hindi
पहला कंप्यूटर वायरस “Elk Cloner” था, जिसने फ्लॉपी डिस्क के माध्यम से Apple II operating systems को संक्रमित किया और संक्रमित कंप्यूटरों पर एक विनोदी संदेश प्रदर्शित किया। Elk Cloner, जिसे 1982 में 15 वर्षीय Richard Skrenta द्वारा विकसित किया गया था जो कि प्रैंक के रूप में डिजाइन किया गया था, लेकिन इसने प्रदर्शित किया कि कैसे एक potentially malicious program को Apple कंप्यूटर की मेमोरी में इंस्टॉल किया जा सकता है।

No comments:
Post a Comment