Saturday, May 23, 2020

पीपीएफ अकाउंट की पूरी जानकारी


पीपीएफ अकाउंट की पूरी जानकारी

जब भी हम किसी फाइनेंशियल प्लानर से Safe Investment की बात करते हैं तो वो कहता है पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) खुलवा लीजिए। किसी अनुभवी आदमी से सलाह मांगते हैं तो वो PPF Scheme को सबसे भरोसेमंद बताता है। Tax consultant भी कहता है कि इससे बढ़िया Tax Saving होती है। लेकिन अगर ये स्कीम इतनी अच्छी है तो कहीं इसकी hoarding क्यों नहीं दिखाई देती है। टीवी पर इसका advertisement क्यों नहीं आता है और तो और बैंक वाले कभी इसकी चर्चा भी नहीं करते हैं।

आपका कन्फ्यूज होना natural है। लेकिन हम आपको इस तरह confuse नहीं करेंगे। क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको पीपीएफ से जुड़ी हर छोटी बड़ी बात बताएंगे। Interest Rate से लेकर Lock-in-Period के बारे में बताएंगे और ये भी बताएंगे कि इस अच्छी स्कीम के बारे में कोई प्रचार क्यों नहीं होता है।

पीपीएफ स्कीम क्या है? What is PPF Scheme

पीपीएफ यानी Public Provident Fund हिन्दी में इसे लोक भविष्य निधि कहते हैं। यह एक ऐसी सेविंग स्कीम है जो अच्छे ब्याज के साथ-साथ टैक्स सेविंग भी कराती है। इस योजना को खुद सरकार चलाती है और वही ब्याज भी देती है।

1968 में भारत सरकार ने Public Provident Fund की स्थापना की थी। उद्देश्य यह था कि unorganised क्षेत्र के जिन कर्मचारियों के लिए, EPF, Pension आदि की सुविधा नहीं है उन्हे भी अपने भविष्य के लिए पैसा बचाने का मौका मिले। सरकार ने पीपीएफ को हर तरह के टैक्स से मुक्त रखा ताकि  ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना को अपनाएं।

पीपीएफ स्कीम को सरकार अपने पोस्ट ऑफिस और बैंकों के जरिए चलाती है।

PPF account investment

पीपीएफ एकाउंट के लिए जरूरी अर्हताएं व निवेश सीमा [2020]
Eligibility And Investment Limit of PPF

PPF से जुड़ी सबसे अच्छी बात यह है कि इसे देश का कोई भी नागरिक खुलवा सकता है। चाहे आप serviceman हों, businessman हो या किसान, इसमें अपना account खोल सकते हैं। यहां तक​ कि इसमें age limit का भी कोई बंधन नहीं है। ​आप अपने बच्चे के लिए भी PPF Account खुलवा सकते हैं।

लेकिन, यह ध्यान रखें कि आप अपने नाम सिर्फ एक PPF Account ही खुलवा सकते हैं। पहले से आपके नाम कोई PPF Account होने पर आप न तो अपने नाम और न ही किसी के साथ joint account खोल सकते हैं।

आप अपने जीवनकाल में कभी भी अपने नाम पर दूसरा account नहीं खोल सकते। अगर कभी आपके नाम पर कभी कोई दूसरा PPF Account पाया गया तो फिर दूसरा एकाउंट तुरंत deactivated हो जाएगा। उस खाते में deposit amount पर ब्याज भी नहीं मिलेगा।

एनआरआई नहीं खोल सकते पीपीएफ एकाउंट

NRI Cannot Open PPF Account

NRI यानी अनिवासी भारतीय को पीपीएफ एकाउंट खुलवाने की सुविधा नहीं है। लेकिन, अगर आपने भारत का citizen रहते हुए PPF Account खुलवाया था तो उसे आप अकाउंट की अवधि (15 साल) पूरी होने तक इसे continue रख सकते हैं।

NRI के लिए पीपीएफ के नए नियम के मुताबिक खाता के 15 साल पूरा होते ही इस खाते से आप तुरंत पूरा पैसा निकालना होगा। लेकिन अगर आप पैसा नहीं निकालेंगे तो सेविंग अकाउंट के दर पर ब्याज मिलेगा।

न्यूनतम और अधिकतम निवेश
Minimum And Maximum Investment

पीपीएप अकाउंट में हर साल कम से कम पांच सौ रुपए जमा करना जरूरी है। जबकि इस अकाउंट में एक साल के दौरान ज्यादा से ज्यादा डेढ़ लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं।

ध्यान रखिए पीपीएफ का हिसाब किताब वित्त वर्ष के हिसाब से चलता है। मतलब इसका एक साल एक अप्रैल से शुरू होकर अगले साल इकतीस मार्च को खत्म होता है।

क्या बच्चे और पत्नी के खाते में पैसा जमा करके लिमिट पार कर सकते हैं?

अब बहुत से लोग ये सवाल पूछते हैं कि मान लीजिए एक खाते में डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा नहीं जमा कर सकते हैं लेकिन क्या अपनी पत्नी और बच्चों के पीपीएफ अकाउंट में एक्स्ट्रा पैसा जमा किया जा सकता है?

इसका जवाब है नहीं। यहां ये देखा जाएगा कि पैसे का स्रोत क्या है। अगर बच्चे और पत्नी की अपनी कमाई नहीं है तो उनकी सेविंग असल में आपकी ही सेविंग है। और इसलिए डेढ़ लाख की ये जो लिमिट है वो सभी खातों में कुल जमा पैसे पर लागू होगी।

लेकिन आप ऐसा भी नहीं कर सकते हैं कि किसी एक अकाउंट में पांच सौ रुपए जमा करके ये मान लें कि अब बाकी में जमा करने की जरूरत नहीं है। मिनिमम जमा की शर्त हर अकाउंट पर अलग-अलग लागू होगी। मतलब हर अकाउंट में हर साल कम से कम पांच सौ रुपए जमा करने होंगे।

न्यूनतम रकम नहीं जमा कर पाए तो?

ऐसा हो सकता है कि किसी साल आप अपने पीपीएफ अकाउंट में न्यूनतम पांच सौ रुपए नहीं जमा कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में आपका पीपीएफ खाता इनएक्टिव हो जाएगा। इसे एक्टिव कराने के लिए आपको छूटे हुए साल के लिए कम से कम पांच सौ रुपए जमा करने होंगे।

इतना ही नहीं आपको हर एक साल की देरी के लिए पचास रुपए की पेनाल्टी भी जमा करनी होगी। इसके बाद ही आपका खाता फिर से एक्टिव होगा।

हालांकि खाता इनएक्टिव होने के बावजूद आपकी जमा रकम पर ब्याज मिलता रहेगा। उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

पीपीएफ खाते में कितने बार पैसा जमा कर सकते हैं ? Frequency of PPF Deposit

वैसे ये सवाल ही नहीं आना चाहिए। क्योंकि आमतौर पर किसी भी स्कीम में पैसा कितने बार जमा किया जाए इसकी कोई limit नहीं होती है। आप सेविंग अकाउंट में चाहे जितनी बार पैसा जमा कीजिए या निकालिए। म्यूचुअल फंड स्कीम में भी ऐसी कोई लिमिट नहीं है।

लेकिन पीपीएफ अकाउंट में आप एक साल के अंदर 12 बार से ज्यादा पैसा नहीं जमा कर सकते थे। शुरू से ही पीपीएफ में ये नियम था। लेकिन 2019 में नियम बदले और अब इस लिमिट को खत्म कर दिया गया है। अब आप पीपीएफ अकाउंट में चाहे जितनी बार पैसा जमा कर सकते हैं।

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पीपीएफ अकाउंट लॉक इन पीरियड | Maturity of PPF Scheme

पीपीएफ स्कीम की मैच्योरिटी का वक्त बहुत लंबा होता है। इस स्कीम में खाता खुलवाने के 15 साल बाद पैसा वापस मिलता है।

इंश्योरेंस और पेंशन स्कीम के अलावा शायद ही कोई स्कीम हो जो इतने सालों बाद मैच्योर होती हो। लेकिन सरकार ने जानबूझकर लंबा lock-in period रखा है। क्योंकि इस स्कीम का मकसद ही रिटायरमेंट के लिए पैसा जुटाना है। लंबी अवधि होने की वजह से इसका पैसा गैरजरूरी चीजों पर खर्च नहीं होता है।

पीपीएफ की 15 साल की अवधि के दौरान आपको हर साल पैसा जमा करना होता है। वैसे अगर बीच में अगर आपको पैसे की जरूरत है तो आप पीपीएफ अकाउंट से लोन ले सकते हैं। इतना ही नहीं सात साल बाद आपको आंशिक निकासी की भी सुविधा मिल जाती है। लोन और आंशिक निकासी के नियमों के बारे में हम आगे आपको बताएंगे।

पीपीएफ खाते का अवधि विस्तार | PPF Account Extension

वैसे तो पीपीएफ खाता पन्द्रह साल में मैच्योर हो जाता है लेकिन सुकन्या स्कीम के तरह मैच्योरिटी के बाद पैसा निकालने की मजबूरी नहीं है। आप अपने खाते को अगले पांच साल के लिए फिर बढ़ा सकते हैं। ये वाले पांच साल खत्म हो जाए तो आगे आप फिर अपने खाते को पांच साल के ब्लॉक के लिए एक्सटेंड कर सकते हैं। ये सिलसिला पूरी उम्र चल सकता है।

पीपीएफ के एक्सटेंशन के दौरान भी आपको पहले की तरह ब्याज मिलता रहेगा। खाते में पांच साल का लॉक इन भी होगा लेकिन ये नए इन्वेस्टमेंट पर ही लागू होगा। पहले से जमा पैसे को आप बेझिझक निकाल सकते हैं।

वैसे आप चाहें तो बिना कोई नई रकम जमा किए भी पीपीएफ अकाउंट को आगे बढ़ाते रह सकते हैं। लेकिन टैक्स डिडक्शन का फायदा तभी मिलेगी जब आप अपने खाते को डिपॉजिट की शर्त के साथ आगे बढ़ाते हैं। ऐसे में आपकी जमा रकम पर टैक्स छूट मिल जाएगी।

Maturiy  के बाद एक साल की अवधि पूरी होने के पहले ही Form H भरने पर आपको खाते की अवधि पांच साल की बढ़ाने की सुविधा मिल सकती है। इसके आगे भी आप अवधि बढ़वाना चाहें तो हर पांच साल बाद Form H भरना होगा।

लेकिन अगर आप कोई फॉर्म नहीं भरते हैं तो खाते को अपने आप एक्सटेंड कर दिया जाएगा। लेकिन आप उसमें कोई नया पैसा नहीं जमा कर सकेंगे।


पीपीएफ की ब्याज दर और इसकी गणना |
PPF Rate of interest

पीपीएफ सरकारी स्कीम है और सरकार इस पर दरियादिली से ब्याज देती है। और इसीलिए पीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट से काफी ज्यादा होती है। इस वक्त बैंक एफडी पर 6% से करीब इन्ट्रेस्ट रेट मिल रहा है। लेकिन वहीं पीपीएफ की ब्याज दर 7.1% है।

वैसे सरकार हर तीन महीने बाद पीपीएफ के ब्याज दर की समीक्षा करती है। लेकिन आमतौर कोशिश होती है कि इसके रेट को आकर्षक रखा जाए।

पीपीएफ खाते का इन्ट्रेस्ट कैलकुलेशन वित्त वर्ष के अंत में होता है। यानी हर साल इकतीस मार्च को ब्याज की गणना करके उसे आपके बैलेंस में जोड़ा जाता है। हालांकि ब्याज की गणना मासिक आधार पर होती है। देखा जाता है कि किसी महीने की पांच तारीख से लेकर आखिरी दिन के बीच खाते में न्यूनतम पैसा कितना था। उसी रकम पर ब्याज कैलकुलेट किया जाता है।

इसलिए अगर आप किसी महीने में पांच तारीख तक पैसा जमा कर देंगे उस जमा पर ब्याज उसी महीने मिल जाएगा। लेकिन पांच तारीख के बाद जमा करने पर ब्याज अगले महीने से जुड़ना शुरू होगा।

पीपीएफ स्कीम में टैक्स छूट
Tax exemption

पीपीएफ आपकी social security से जुड़ी scheme है और सरकार इसे बढ़ावा देना चाहती है। इसलिए, सरकार इस योजना पर कई तरह के tax benefit देती है।

जमा पर टैक्स छूट

सेक्शन 80C के तहत आप हर साल जितनी भी रकम पीपीएफ खाते में डालते हैं उतनी रकम आपके टैक्सेबल इनकम से घटा दी जाती है। इस तरह से पीपीएफ आपको tax deduction का फायदा देता है। इस नियम के तहत हर साल आप अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक के जमा पर टैक्स छूट पा सकते हैं।

ब्याज पर टैक्स नहीं

पीपीएफ खाते में जमा रकम पर आप हर साल ब्याज पाते हैं। लेकिन इस ब्याज को आपकी सालाना Taxable Income में नहीं जोड़ा जाता है। यानी पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है। वहीं दूसरी तरफ फिक्स्ड डिपॉजिट का ब्याज टैक्सेबल होता है।

मैच्योरिटी की रकम टैक्स-फ्री

पीपीएफ खाता मैच्योर होने पर जब भी आप पैसा निकालते हैं वो भी पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है। ये पैसा लाखों में हो सकता है। लेकिन इस पर टैक्स नहीं लगेगा।


पीपीएफ खाते पर रिटर्न
PPF gives returns above inflation

फिलहाल PPF पर सरकार 7.1% ब्याज दे रही है। ये interest rate अच्छा ही माना जाएगा। क्योंकि बैंक डिपॉजिट पर इससे कही कम ब्याज मिलता है। और इस ब्याज दर के चलते आप आसानी से महंगाई को मात दे सकते हैं।

2020 में ज्यादातर Government banks की लंबी अवधि की FD पर ब्याज 6 प्रतिशत से कम​ रहा। यहां भी पीपीएफ तुलनात्मक रूप से 1% ज्यादा return दे रहा है।

आप अपने PPF में जमा धनराशि के आधार पर bank या वित्तीय संस्थान से loan ले सकते हैं। ये आपको PPF पर मिल रहे ब्याज से सिर्फ 1% ज्यादा होगा।


कहां खुलवाया जा सकता है पीपीएफ एकाउंट?
Where Can One open a PPF Account??

पीपीएफ एकाउंट खोलने के लिए निम्न में से किसी भी विकल्प का चुनाव कर सकते हैं

  • आप PPF Account SBI में खुलवा सकते हैं। इसके सहयोगी बैंकों में भी सुविधा है।
  • कुछ Nationalised Banks की चुनिंदा शाखाओं में भी PPF Account खोलने की सुविधा उपलब्ध होती है
  • चुनिंदा Post Office में भी PPF Account खोले जा सकते हैं

पीपीएफ एकाउंट खोलने के लिए जरूरी डाक्यूमेंट

  • खाता खोलने का फॉर्म| Account Opening Form (Form 1)
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ| Passport size photograph
  • मान्य पहचान पत्र| ID proof: Copy of PAN card/ Voter ID/ Aadhaar ETC
  • निवास प्रमाण| Residence proof: Passport / Electrcity bill

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How many Account in a Family?
एक परिवार में कितने एकाउंट?

किसी एक बच्चे या minor के नाम पर दो guardian अलग-अलग account नहीं खोल सकते।
मान लिया आपके दो बच्चे हैं, तो आप सब लोग​ मिलकर maximum चार account खोल सकते हैं। दो पति और पत्नी के नाम, और दो दोनों बच्चों के नाम, guardian के रूप में।मान लिया आपने खुद के ​लिए और अपने दोनों बच्चों के लिए PPF Account खुलवा रखा है। ऐसी स्थिति में भी इन तीनों account में पीपीएफ के रूप में जमा राशि 1.5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चा​हिए।

हिन्दू अविभक्त परिवार (HUF) के रूप में PPF Account अब नहीं खोला जा सकता। 13 मई 2005 से यह facility बंद कर दी गई है। लेकिन अगर आपका account  इसके पहले का है तो उनके लिए यह सुविधा maturity  होने तक चालू रहेगी। single account के साथ 5 साल के ब्लॉक में जो अवधि​ विस्तार करने की छूट खाताधारक को मिलती है, वह भी HUF खातों को नहीं मिल सकती।


पीपीएफ पर लोन |Loan against PPF Deposit

आप पीपीएफ से आसानी से लोन ले सकते हैं। इस अकाउंट से लोन लेने के कई फायदे हैं

  1. पीपीएफ लोन की ब्याज दर काफी कम होती है। आपको बस पीपीएफ का ब्याज दर से एक प्रतिशत ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा
  2. खाता खुलवाने के बाद तीसरे साल से आप लोन ले सकते हैं।
  3. लोन लेने के लिए आपको कुछ गिरवी नहीं रखना पड़ेगा

पीपीएफ से लोन सस्ता तो पड़ता है लेकिन लोन की रकम काफी कम होती है। आपके PPF Account  में पिछले वित्तीय वर्ष में जो last balance रहा होगा, उसका 25 फीसदी ही loan के रूप में ले सकते हैं।

उदाहरण के लिए, आप अपने PPF Account के आधार पर july 2018 में लोन लेना चाहते हैं। आपके एकाउंट में march 2018 तक 80 हजार रुपए जमा हुए थे। ​

​नियमानुसार आपको पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 के अंतिम balance 80 हजार के आधार पर 20 हजार रुपए तक का लोन मिल सकता है। वर्ष 2018-19 के दौरान कभी भी आप loan के लिए apply करते हैं, तो इतनी ही मात्रा 20 हजार का ही loan आप ले पाएंगे।

पीपीएफ से लोन की शर्तें

  • आपके account में नियमित आधार पर हर वर्ष कम से कम 500 रुपए deposit होने चाहिए। ऐसा न होेने पर आपको loan नहीं मिल सकता। हां, अगर आपने penalty के साथ पिछले वर्ष का minimum amount 500 रुपए जमा करा दिया है तो फिर आप loan लेने के योग्य हो जाते हैं।
  • आप एक ही वर्ष में दो बार PPF  से लोन के लिए apply नहीं कर सकते।
  • जब तक आपका पिछला loan पूरा नहीं चुकता हो जाता, आप नए लोन के लिए apply नहीं कर सकते।
  • यहां तक कि अगर आपने किसी financial year के दौरान ​लोन तीन महीने में चुका दिया, तो भी उस वित्तीय वर्ष के खत्म होने तक आपको नया loan नहीं मिलेगा। उसके बाद फर आप अगले वित्तीय वर्ष में ही loan के लिए आवेदन करने योग्य हो सकेंगे।
  • PPF Loan  पर आपको आपके खाते में मिल रहे ब्याज से 1 प्रतिशत ज्यादा ब्याज अदा करना होगा। जैसे ​अभी आपको अपने account पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है, तो आपके loan पर आपको 8.1 प्रतिशत ब्याज अदा करना होगा।
  • PPF  पर लिए गए loan की अदायगी भी आपको 36 months के अंदर कर देनी होती है। इसे आप एकमुश्त या installment में, जैसी आपकी सुविधा हो, कर सकते हैं। अगर आप इस अवधि में loan चुकता नहीं करते हैं, तो इसके बाद के financial year में आपको 2 की बजाय 6 % ब्याज लगेगा।

परिपक्वता अवधि के पहले खाता बंद करना हो तो…
Premature Closure of PPF Account

सामान्य स्थितियों मे 15 साल की maturity के पहले आप PPF Account बंद नहीं कर सकते। लेकिन emergency में इसे बंद करने की सुविधा आपको मिल सकती है। 18 जून 2016 को एक notification के माध्यम से भारत सरकार ने emergency में पीपीएफ एकाउंट से premature withdrawal को आसान बना दिया है। नए नियमों के मुताबिक आप इन स्थितियों में premature withdrawal कर सकते हैं।


मृत्यु होने पर

अगर account holder की मौत हो जाती है, तो उसका nominee या कानूनी वारिस एकाउंट बंद करने के लिए apply कर सकता है। ऐसी स्थिति में किसी भी तरीके का penalty उसे अदा नहीं करना होगा और उसका पूरा पैसा, पूरे ब्याज के साथ बिना किसी कटौती के उसे मिल जाएगा।

गंभीर बीमारी होने पर

account holder को स्वयं को, या अपने निकटतम संबंधियों में से किसी को किसी गंभीर ​बीमारी से इलाज की जरूरत हो। यहां निकटतम संबंधियों से आशय पति,पत्नी, बच्चे और माता-पिता से है। यहां इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप medical ground पर premature withdrawal कर रहे हैं तो आपको सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित समुचित document दिखाने होंगे।

उच्च शिक्षा के लिए

Account holder  को स्वयं की या अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए भी premature account बंद करने की सहूलियत मिल सकती है। अगर higher education को कारण बनाया जा रहा है तो उसके लिए देश या विदेश में स्थित संस्था में admission का प्रमाण भी आपको दिखाना होगा। fees का बिल भी दिखाना होगा। medical या हायर एजुकेशन, दोनों ही स्थितियों में premature closing के लिए जरूरी है कि आपका account कम से कम पांच साल पुराना हो चुका हो। ऐसा न होने पर आप premature closing की सुविधा ​नहीं  ले सकते।

इस प्रकार की PPF premature closing  में आपकी जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज की निर्धारित दर से 1 % कम ब्याज दिया जाएगा। ये penalty आपके शुरू से लेकर अंत तक deposit की गई पूरी धनराशि पर लगेगी।


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